Ministry of Education, Government of India
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i)पुरस्कारों हेतु विचार करने के लिए शिक्षकों की पात्रता की शर्तें :
    i) निम्नलिखित श्रेणिओ के अंतर्गत मान्यता प्राप्त प्राथमिक/मिडिल /हाई /उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत स्कूल शिक्षक और प्रधानाचार्य :
      क) राज्य सरकार / संघ शासित प्रशासन द्वारा चलाये जाने वाले स्कूल, स्थानीय निकायों द्वारा चलाये जाने वाले स्कूल, राज्य सरकार और संघ शासित प्रशासन द्वारा सहायताप्राप्त स्कूल । ख) केंद्र सरकार के स्कूल जैसे केंद्रीय विद्यालय (केवि), जवाहर नवोदय विद्यालय (ज न वि), रक्षा मंत्रालय द्वारा चलाये जाने वाले सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसाइटी(एईईएस) द्वारा चलाये जाने वाले स्कूल और जनजातीय मामले मंत्रालय द्वारा चलाये जाने वाले एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल (ईएमआरएस) । ग) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) एसई संबद्ध स्कूल(उपर्युक्त (क) और (ख) को छोडकर) घ) काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल्स सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशन(सीआईएससीई) से संबद्ध स्कूल (उपर्युक्त (क),(ख) और (ग) को छोड़कर)
    ii) आम तौर पर सेवानिवृत शिक्षक पुरस्कार के लिए पात्र नहीं हैं परंतु वे शिक्षक जिन्होने कैलंडर वर्ष के किसी भाग (कम से कम 4 महीने अर्थात उस वर्ष जिसके लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिये जा रहे हैं, की 30 अप्रैल तक) तक सेवा की है तो उन पर अन्य सभी शर्तों को पूरा करने के अधीन विचार किया जा सकता है । iii) शैक्षिक प्रशासक, शिक्षा निरीक्षक और प्रशिक्षण संस्थानों के कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं । iv) शिक्षक/हैडमास्टर ट्यूशन न लेते हों । v) केवल नियमित शिक्षक और प्रधानाचार्य पात्र होंगे । vi) संविदा आधार पर नियुक्त शिक्षक और शिक्षा मित्र पात्र नहीं होंगे ।
  
ii) विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों का चयन करने के दिशानिर्देशन हेतु विचारणीय बातें :
    शिक्षकों का मूल्यांकन संलग्नक –I में दिये गए मूल्यांकन मट्रिक्स के आधार पर किया जाएगा। मूल्यांकन मट्रिक्स में मूल्यांकन के लिए दो प्रकार के मानदंड हैं : क) वस्तुनिष्ठ मानदंड : इसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानदंड में अंक दिये जाएंगे। इस मानदंड का भारांक 100 में से 20 है। ख) निष्पादन पर आधारित मानदंड : इसके अंतर्गत शिक्षकों को निष्पादन पर आधारित मानदंड के अनुसार अंक दिये जाएंगे उदाहरण के लिए अधिगम परिणामों में सुधार की पहल, किए गए नवाचारी प्रयोग, पाठ्येतर और सह पाठ्य कार्यकलापों का आयोजन, अध्यापक अधिगम सामग्री का उपयोग, सामाजिक गतिशीलता, प्रयोगिक अधिगम सुनिश्चित करना, छात्रों की शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलग तरीके आदि। इस मानदंड का भारांक 100 में से 80 है।
  
iii) आवेदन और चयन की प्रक्रिया :
    i) i) सभी आवेदन ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए जाएंगे । ii) शिक्षा मंत्रालय पोर्टल पर समय पर प्रविष्टि करने और पोर्टल विकास एजेंसी के माध्यम से पोर्टल में डाटा प्रविष्टि के दौरान आने वाले तकनीकी और परिचालन संबंधी मुद्दों के समाधान में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ समन्वय सुनिश्चित करेगा iii) शिक्षा मंत्रालय पोर्टल के विकास और रखरखाव का पूरा व्यय वहाँ करेगा। iv) राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के मामले में शिक्षक और प्रधानाध्यापक वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन फॉर्म निर्धारित अंतिम तारीख से पहले भरकर सीधे आवेदन करेंगे । v) प्रत्येक आवेदक प्रविष्टि फॉर्म के साथ एक पोर्टफोलियो ऑनलाइन प्रस्तुत करेगा। पोर्टफोलियो में प्रासंगिक सहायक सामग्री जैसे दस्तावेज़, लिखत,कार्यकलापों की रिपोर्टें,फील्ड दौरे,फोटोग्राफ,औडियो या विडियो आदि शामिल होंगे। vi) आवेदक द्वारा वचन पत्र : प्रत्येक आवेदक एक वचन पत्र प्रस्तुत करेगा कि सभी सूचना/डाटा उसकी सर्वोत्तम जानकारी के अनुसार सही है और बाद में किसी समय कोई सूचना मिथ्या पायी जाती है तो उसके विरुद्ध अनुशासनिक कारवाई कि जा सकेगी।
  
जिला चयन समिति:
    vii) पहले स्तर की जांच जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में जिला चयन समिति(डीएससी ) द्वारा की जाएगी। ड़ीएससी के सदस्य इस प्रकार होंगे :
      क) जिला शिक्षा अधिकारी : अध्यक्ष ख) राज्य/संघ शासित सरकार का प्रतिनिधि .: सदस्य ग) जिला कलेक्टर द्वारा नामित एक विख्यात शिक्षाविद : सदस्य
    viii) ड़ीएससी द्वारा किए जाने वाले मुख्यकार्य इस प्रकार है
      क) आवेदक द्वारा दिये गए तथ्यों/सूचना का सत्यापन टीम बनाकर भौतिक सत्यापन करना। ख) संलग्नक-I में दिये गए प्रपत्र के अनुसार आवेदकों का मूल्यांकन/मार्किंग. ग) ड़ीएससी द्वारा प्रमाणपत्र : ड़ीएससी प्रमाणित करेगी कि तथ्यों का उचित सत्यापन करने के बाद अंक प्रदान किए गए गए हैं । घ) ड़ीएससी आवेदनों का विस्तृत मूल्यांकन करने के बाद 3 नाम शॉर्टलिस्ट करेगी और इन्हे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से तीनों आवेदकों के सतर्कता निकासी प्रमाणपत्रों के साथ राज्य चयन समिति को भेजेगी। ड.) ङ) प्राप्त आवेदनों के अतिरिक्त ड़ीएससी असाधारण परिस्थितियों में विशेष शिक्षकों और स्कूलों के निशक्त अध्यापकों/प्रधानाचार्यों सहित उत्कृष्ट शिक्षकों में से अधिकतम एक व्यक्ति के नाम पर स्वत: विचार कर सकती है। मूल्यांकन संलग्नक-I में दिये गए प्रपत्र के अनुसार किया जाएगा। च) ड़ीएससी अध्ययन के विभिन्न विषयों जैसे विज्ञान,कला,संगीत,शारीरिक शिक्षा आदि में शिक्षकों के निष्पादन को ध्यान में रखेगी। डीएससी अध्ययनों की विभिन्न धाराओं अर्थात विज्ञान, कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा आदि में शिक्षकों के प्रदर्शन को ध्यान में रख सकता है।
  
राज्य चयन समिति(एस एस सी )
    ix) राज्य चयन समिति का अध्यक्ष राज्य शिक्षा विभाग का प्रधान सचिव/सचिव होगा। एस एस सी के सदस्य इस प्रकार होंगे:
      क) राज्य शिक्षा विभाग का प्रधान सचिव/सचिव :अध्यक्ष ख) केंद्र सरकार का नामिती .: सदस्य ग) शिक्षा निदेशक/आयुक्त :सदस्य सचिव घ) निदेशक,एससीईआरटी या यदि एससीईआरटी न हो तो समकक्ष अधिकारी : सदस्य
    X) एसएससी द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य इस प्रकार हैं :
      क) सभी डीएससी से प्राप्त नामांकनों के तथ्यों/सूचना/अंकों का पुनः सत्यापन ख) सभी नामांकनों का मूल्यांकन करना और संलग्नक-II के अनुसार राज्य/संघ शासित प्रदेश को आवंटित अधिकतम संख्या के अधीन सर्वोत्तम उम्मीदवारों की सूची तैयार करना और इसे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र जूरी को भेजना।
  
संगठन चयन समिति(ओएससी)(अन्य संगठनों के लिए)
    XI) ओएससी का संयोजन इस प्रकार है :
      क) संगठन का अध्यक्ष/निदेशक/आयुक्त/प्रमुख : अध्यक्ष ख) अध्यक्ष द्वारा नामित संगठन का एक अधिकारी सी) केंद्र सरकार का नामिती : सदस्य घ) अध्यक्ष द्वारा नियुक्त एक प्रख्यात शिक्षविद : सदस्य
    XII) ओएससी द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य इस प्रकार हैं :
      ग) संगठन नामांकन प्राप्त करने के लिए अपनी आंतरिक प्रक्रिया का अनुसरण कर सकते हैं । घ) सभी नामांकनों का मूल्यांकन और संलग्नक-II के अनुसार संगठन को आवंटित अधिकतम संख्या के अधीन सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों की सूची तैयार करना और उसे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र जूरी को भेजना ।
  
राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र जूरी
    xiii) स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के सेवानिवृत्त सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र जूरी सभी एसएससी और ओएससी द्वारा यथा प्रेषित उम्मीदवारों की सूची की समीक्षा करेगी और नए सिरे से मूल्यांकन करेगी। .
      क. प्रत्येक नामांकित व्यक्ति को जूरी के समक्ष प्रस्तुति देनी होगी । ख. जूरी सूची में से अधिकतम 45(+2 निशक्तजन शिक्षकों आदि के लिए विशेष श्रेणी) नाम चुनेगी। ग. नामांकित व्यक्ति के लिए टीए/डीए का भुगतान शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। घ. जूरी को अनुसचिवीय सहायता एनसीईआरटी द्वारा दी जाएगी।
    xiv) अन्य सभी पुरस्कार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों में विलय कर दिये गए हैं। xv) ऑनलाइन स्वनामांकन, शॉर्टलिस्ट करने अंतिम चयन की वार्षिक समय सीमा सचिव(स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग),शिक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित की जाएगी।
  
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए मूल्यांकन मट्रिक्स

संलग्नक –I

श्रेणी क: वस्तुनिष्ठ मानदंड
क्रामांक संख्या मानदंड अधिकतम अंक/सीमा
1 समुदाय,अभिभावकों,पूर्व छात्रों आदि को स्कूल को किसी भी प्रकार जैसे भौतिक अवसरंचना,कम्पयूटर,मध्यानह भोजन, धनराशि, पुस्तकें आदि द्वारा स्कूल में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षक द्वारा किया गया कार्य . 3
2 पिछले 5 वर्ष में प्रकाशन(शोध पत्र/अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लेख(आईएसएसएन के साथ), पुस्तकें(आईएसबीएन के साथ),आदि) 3
3 पिछले 3 वर्षों के वार्षिक निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट या अन्य निष्पादन मूल्यांकन लिखत 3
4 क्या शिक्षक बिना किसी शिकायत के नियमित रूप से स्कूल आ रहा है? 3
5 क्या शिक्षक भेजे गए सेवाकालीन प्रशिक्षण में नियमित रूप से उपस्थित होता है? 2
6 नामांकन बढ़ाने और ड्रॉप आउट कम करने में शिक्षक द्वारा किया गया कार्य . 2
7 क्या शिक्षक को स्वयं या किसी अन्य मूक प्लैटफ़ार्म के अधीन किसी पाठ्यक्रम के लिए नामांकित किया गया है? 2
8 ई सामग्री,पाठ्यपुस्तक,एससीईआरटी, बोर्ड या एनसीईआरटी के लिए शिक्षक हैंडबुक 2
उप-योग 20
  
श्रेणी ख : निष्पादन पर आधारित मानदंड (केवल निर्देशात्मक व उदाहरणात्मक)
क्रामांक संख्या मानदंड अधिकतम अंक
1 शिक्षक द्वारा किए गए नवाचारी प्रयोग(जैसे आईसीटी का उपयोग,रुचिपुर्ण अधिगम तकनीकें) जिनका छात्रों पर अधिक प्रभाव पड़ा हो। शिक्षण अधिगम सामग्री,किफ़ायती शिक्षण उपकरण आदि सहित प्रतिदिन के शिक्षण कार्यकलापों में समुचित शिक्षा विधि का विकास और उपयोग। (नवाचार/प्रयोगों की संख्या, पैमाने और प्रभाव के आधार पर ) 30
2 पाठ्येतर और सह पाठ्यक्रम कार्यकलापों का आयोजन(प्रयोगों की संख्या,पैमाने और प्रभाव के आधार पर)) 25
3 क) स्कूल अवस्थापना और बच्चों के बीच सामाजिक जागरूकता के प्रसार के लिए समाज को एकजुट करना .
ख) राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय अखंडता का संवर्धन
25
उप-योग 80
कुल योग 100
  
राज्य/संघ शासित प्रदेश/संगठन वार अनुमत्त अधिकतम नामांकन

संलग्नक -II

क्रामांक संख्या राज्य/संघ शासित प्रदेश/संगठन अधिकतम नामांकन
1 आंध्र प्रदेश 6
2 अरुणाचल प्रदेश 3
3 असम 3
4 बिहार 6
5 छत्तीसगढ़ 3
6 गोआ 3
7 गुजरात 6
8 हरियाणा 3
9 हिमाचल प्रदेश 3
10 झारखंड 3
11 कर्नाटक 6
12 केरल 6
13 मध्य प्रदेश 6
14 महाराष्ट्र 6
15 मणिपुर 3
16 मेघालय 3
17 मिजोरम 3
18 नगालैंड 3
19 ओडिशा 6
20 पंजाब 6
21 राजस्थान 6
22 सिक्किम 3
23 तमिलनाडु 6
24 तेलंगाना 6
25 त्रिपुरा 3
26 उत्तर प्रदेश 6
27 उत्तराखंड 3
28 पश्चिम बंगाल 6
उप-योग 126
संघ शासित प्रदेश
29 अंडमान और निकोबार द्वीप 1
30 चंडीगढ़ 1
31 दादर और नगर हवेली तथा दमन व दिवव 1
32 दिल्ली 2
33 जम्मू और कश्मीर 2
34 लद्दाख 1
35 लक्षद्वीप 1
36 पुडुचेरी 1
उप-योग 10
अन्य
37 परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसाइटी 1
38 सीबीएसई 6
39 सी आई एस सी ई 2
40 केन्द्रीय विद्यालय संगठन 5
41 नवोदय विद्यालय समिति 2
42 रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सैनिक स्कूल 1
42 जन जातीय मंत्रालय के अंतर्गत एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल 1
उप-योग 18
कुल योग 154

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